पूजा के लिए पूरे दिन में रहेंगे 3 मुहूर्त, जल्दी मिलता है इनकी पूजा का फल

हनुमान जयंती आज है। हनुमान जी का जन्म मंगलवार को हुआ था। ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार हनुमान जयंती देश में अलग-अलग महीनों में मनाई जाती है, लेकिन ये पर्व उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में चैत्र माह की पूर्णिमा पर ही मनाया जाता है। हनुमानजी की आयु एक कल्प होने से वे अमर हैं। ये  रुद्रावतार माने जाते हैं। हनुमानजी ब्रह्मचारी के रूप में ही पूजे जाते हैं। इसलिए प्रातः 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक उनकी पूजा का विधान है।  


पूजा विधि



  1. सुबह जल्दी उठकर घर की सफाई करें और गंगाजल या गौमूत्र के छिड़काव से पवित्र करें फिर नहाएं। 

  2. इसके बाद घर के पूजा स्थान पर हनुमानजी सहित श्रीराम और सीताजी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

  3. भगवान को साक्षी मानकर दिनभर व्रत रखने का संकल्प लें। इसके बाद पूजा करें।

  4. श्रीराम और माता सीता की पूजा करें उसके बाद प्रमुख देवता हनुमान जी की पूजा करें।

  5. पूजा में जल और पंचामृत से देवी देवताओं को स्नान कराएं। उसके बाद अबीर, गुलाल, चंदन, अक्षत, मौली, फूल, धूप-दीप, वस्त्र, फल, पान और अन्य चीजें चढ़ाएं।

  6. इसके बाद सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें और आरती के बाद प्रसाद बांट दें।


श्रीराम-सीता पूजा मंत्र 


आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदां 


लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम् ।।


हनुमान पूजा मंत्र


अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्‌ । 


सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।


पूजा के मुहूर्त


सुबह 06.05 से 09.20 तक
सुबह 10.50 से दोपहर 12.25 तक
शाम 05.10 से 06.45 तक


हनुमान जयंती व्रत और पूजा का महत्व


हनुमान जयंती पर व्रत और पूजा करने से हर तरह के दोष और दुख खत्म होने लगते हैं।  कलियुग में हनुमानजी की पूजा प्रत्यक्ष देवता के रूप में की जाती है। यानी इनकी पूजा का फल जल्दी ही मिल जाता है। इनकी पूजा और व्रत से शारीरिक और मानसिक परेशानियां ही नहीं आर्थिक परेशानी भी दूर हो सकती है। हनुमान जी की पूजा से कानूनी मामलों में जीत मिलती है। कर्जा भी उतर जाता है।